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खुशियाँ
खुशियाँ आँखों ही आँखों में कुछ कहते जाना मौन रहे पर मुस्कुराते हुए आना दबे पाँव आना जीवन में मचलते हुए हंसतें जाना ...

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हमेशा की तरह ख़ामोश पर पुकारती माँ की आँखें ताकती दहलीज़, मायूसी समेटे बैठा आँगन खिड़की से झांकती बचपन की यादें इंतज़ार...
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साजन साजन मैं पुकारु ,साजन है प्रदेश देख ! सखी द्वार पर आयो न कोई संदेश काक कहे प्रीत संदेश,हिवड़ो करे पुकार मन बैरी बेचैन...
शत - शत नमन वीर जवानों को,
ReplyDeleteसहादत का पाठ पढ़ाया,
सुलग रही ह्रदय में ज्वाला,
आज सुकून है पाया |....जय हिंद | बहुत ख़ूब👌 बहन
सादर
शत-शत नमन वीर जवानों को
ReplyDeleteबहुत खुब।
ReplyDeleteखिलखिला उठा आँख का पानी ,
ReplyDeleteकण - कण धरा का मुस्कुराया .
चमक उठा मुकुट हिमालय का ,
बेटों ने गौरव बढ़ाया |
बहुत खूब जी।
बेहतरीन रचना जय हिन्द
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