विरह










साजन साजन मैं पुकारु ,साजन है प्रदेश
देख ! सखी द्वार पर आयो न कोई संदेश

 काक कहे  प्रीत  संदेश,हिवड़ो करे पुकार
मन बैरी बेचैन हुयो, नयनों से बरसे प्यार

मन को  मोहे प्रीत रंग,रंगों से करू श्रृंगार
सखी साजन आए द्वार पर, छलिया है संसार।

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खुशियाँ

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