खुशियाँ







खुशियाँ

आँखों ही आँखों में
कुछ कहते जाना
मौन  रहे
 पर मुस्कुराते  हुए  आना
दबे पाँव  आना  जीवन में 
मचलते हुए  हंसतें जाना 
बैठी हूँ
आँगन में
 तुम न घबराना
गमले के नीचे
 दरवाज़े के पीछे
इस कोने से उस कोने में
तुम खोलना आँखें
पलकों के नीचे
दबे मन के भावों में
तलाशना तुम
 दलीचे के नीचे
संग हूँ तेरे
 तुम महसूस करना
मुस्कुराते रहना
 यह कहते रहना
विचार मेरे  जीवन के
बने खुशियाँ मेरी
धड़कनों में सिमटे
कह रहे मुस्कुराते रहना ।

         -  कविता 

22 comments:

  1. वाह ! बहुत सुन्दर सखी
    सादर

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  2. बहन आप की रचना fb पर साझा कर रही हूँ
    सादर

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  3. सुंदर भावपूर्ण कविता..👍

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  4. आँखों ही आँखों में
    कुछ कहते जाना
    मौन रहे
    पर मुस्कुराते हुए आना...
    बेहतरीन, बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीय कविता जी।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद आपका

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  5. बहुत सुन्दर सृजन ।

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  6. बेहद खूबसूरत रचना

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  7. जी नमस्ते,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (6-04-2019) को " नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएं " (चर्चा अंक-3297) पर भी होगी।

    --

    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।

    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।

    ....

    अनीता सैनी

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    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद आपका

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  8. बहुत बहुत धन्यवाद आपका

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  9. सुन्दर प्रस्तुति

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  10. बहुत ही सुंदर रचना कविता जी ।

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  11. हँसते गाते प्रेम की नैया पार हो जाये.. सुंदर भाव।

    New post - मगर...

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